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यूपी में लॉकडाउन में सब्ज़ी बेंचने की सज़ा मौत

पिछले कई घंटे से उन्नाव के बांगरमऊ चौहारे पर सब्ज़ी विक्रेता फैसल के परिजन बेटे की लाश लेकर बैठे हैं कि शायद पुलिस का कोई आला अधिकारी आये और हत्यारे पुलिस वालों पर मुकदमा कायम हो, मुआवज़ा मिले लेकिन शायद उन्नाव के DM/SP को कोई मतलब ही नहीं ?

कॉंग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेरी बात हुई है, थोड़ी देर में उन्नाव कॉंग्रेस की टीम मौक़े पर पँहुच रही है, फैसल के परिजनों को मुआवज़ा और दोषी पुलिस वालों पर हत्या का मुक़दमा कायम होयूपी में लॉकडाउन में सब्ज़ी बेंचने की सज़ा मौत मिलती है, पुलिस फैसल को उठा ले जाती है और पिटाई के बाद जब फैसल की मौत हो जाती है तो लाश अस्पताल में छोड़ जाती है ।

बांगरमऊ उन्नाव में फैसल का परिवार कई घंटे से लाश को सड़क पर रखकर बैठा है कि आला अधिकारी आयें और उन्हें इंसाफ़ दें, लेकिन ज़िले के आला अधिकारियों के कान पर जूँ नहीं रेंग रही ।

क्या यही है यूपी की क़ानून व्यवस्था ?

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेरी बात हुई है, उन्नाव ज़िले की कॉंग्रेस की टीम थोड़ी देर में घटनास्थल पर पँहुच रही है।

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